पूजा-पाठ कर इस नए बंगले में पहुंचे शिवपाल

लखनऊ। समाजवादी सेकुलर मोर्चा के अध्यक्ष व संयोजक शिवपाल सिंह यादव ने छह लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित अपने नए बंगले में पूजा-पाठ के बाद प्रवेश कर लिया है। इस मौके पर उनके साथ पूर्व मंत्री शादाब फातिमा, शारदा प्रताप शुक्ल व उनके अन्य साथी मौजूद रहे।कहा जा रहा है कि योगी सरकार ने शिवपाल सिंह यादव को ये बंगला देकर राजनीतिक दांव खेला है। इस बंगले में संभवत: सेकुलर मोर्चा का कार्यालय बनाया जाएगा। भाजपा चाहती है कि सेकुलर मोर्चा और मजबूत बने जिससे कि गठबंधन कमजोर पड़े और लोकसभा चुनाव में भाजपा फिर से यूपी में 2014 वाला करिश्मा दोहरा सके। हालांकि, कल मंगलवार को बाराबंकी के एक कार्यक्रम में शिवपाल ने कहा कि वह भाजपा के एजेंट नहीं हैं, बल्कि उसे हटाने के लिए सेकुलर मोर्चा का गठन किया है। वहीं, बंगला आवंटन के सवाल पर कहा कि पांच बार से विधायक हूं और हक बनता है मेरा। बंगला आवंटित कर किसी ने मुझे उपकृत नहीं किया है। उन्होंने कहा पार्टी में 30 साल की मेहनत के बाद उपेक्षा और अपमान के कारण समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाना पड़ा। अब कदम आगे बढ़ गए हैं और किसान, नौजवान और मुसलमान को आगे लेकर चुनाव लड़ा जाएगा। योगी सरकार के मंत्री द्वारा भाजपा का एजेंट बताए जाने की बात पर कहा कि वह भाजपा के एजेंट नहीं हैं। भाजपा से कभी उनके विचार नहीं मिले। वे तो उसे हटाने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश में जितनी भी सरकारें आई किसानों का हित नहीं किया। इसलिए किसानों को साथ लेकर सेक्युलर मोर्चा आगे बढ़ेगी। इसमें नौजवानों और मुसलमानों का भी साथ अहम रहेगा। खास बात है कि यह बंगला पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नाम पर रह चुका है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे खाली कराया गया था। बंगला खाली करने के बाद मायावती इसी से सटे अपने दूसरे बंगले में शिफ्ट हो गई हैं। बंगले का उपयोग समाजवादी सेकुलर मोर्चा के कैंप कार्यालय के रूप में किया जा सकता है। अभी तक शिवपाल सिंह यादव विक्रमादित्य मार्ग के अपने निजी आवास से पार्टी की गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। पिछले दिनों संगठन का विस्तार कर अधिकतर मंडलों में प्रभारी, जिलाध्यक्ष और फ्रंटल अध्यक्षों की घोषणा की गई। लखनऊ में उनके रहने पर कार्यकर्ताओं की खासी भीड़ जुट रही है। ऐसे में मोर्चा के कामकाज के लिए उन्हें नए ठिकाने की तलाश थी जो अब पूरी हो गई। शिवपाल को बंगला आवंटित होते ही इसकी दीवारों पर लगा नीला रंग उतार दिया गया।

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